Badnam Shayari In Hindi | बदनाम शायरी

Badnam Shayari In Hindi

बहुत बदनाम हो जाता यहाँ मेरा मुकद्दर,
किसी की बद्दुआ ने लग के मेरी लाज रख ली.
यूँ तो तल्ख़ था बेहद दर्द नाकामियों का,
पर इनको तेरी निशानी समझ कर अपने साथ रख ली.
हमारी आवारगी को यूं तो बदनाम न करो,
निकलते थे तेरी गली से तो चोखट को तेरी सजदा करके.
बदनाम गलियों में मुस्कराते चेहरों के पीछे,
हैं लाखों जबरो गम, दिए हुए तहजीबदारों के.
श्याम.. तेरी बंसी पुकारे राधा नाम,
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम,
लो इबादत रख लिया अपने रिश्ते का नाम.
मोहब्बत को तो लोगों ने बदनाम कर दिया है,
बदनाम करते हैं लोग मुझे जिसके नाम से,
क़सम खुदा की जी भर के कभी उसको देखा भी नही.
तेरा इश्क जी न सकी,
पर तेरे नाम से बदनाम हो गई.
बड़ी बदनाम है वो गलियाँ,
जहाँ नाम वाले शिरकत करते है.
चोर तो बस यूं ही बदनाम है,
लोग तो विश्वास तक चुरा ले जाते हैं.
कोठे तो यू ही बदनाम है,
असली धंधा तो न्यूज़ चैनल वाले चला रहे है.
जी भर के बदनाम हो गए चलो,
हक़ अदा हो गया जवानी का.
हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम,
फिर वही शायरी फिर वही इश्क फिर वही तुम.
काँटों और चाकू का तो नाम ही बदनाम हैं,
चुभती तो निगाहें भी हैं और काटती तो जुबान भी हैं.
बादनाम करते है लोग जिसका नाम लेकर,
कसम खुदा की जी भर के उसे देखा तक नहीं.
शक ना कर मेरी मोहब्बत पर पगली,
अगर मैं सबूत देने पर आया तो,,, तु बदनाम हो जाएगी.
तुम जाओ छोड़ के, तो कोई गम नहीं,
मैं तुम्हें बदनाम करु, इतने बुरे भी हम नहीं.
मैं अपनी पहचान क्या दूँ , सब वाकिफ हैं मेरे नाम से,
उस बेबफा से प्यार करके, बदनाम हूँ हर गलीे हर कौने मे.
नाम तो लिख दूँ उसका, अपनी हर शायरी के साथ,
मगर फिर ख्याल आता है,
मासूम सा है सनम मेरा, कहीं बदनाम ना हों जाये..
शायर कहकर बदनाम ना करना मुझे दोस्तो,
मै तो रोज शाम को दिनभर का हिसाब लिखता हूं.
चारासाजों की चारसाज़ी से दर्द बदनाम तो नहीं होगा ?
हाँ , दवा दो मग़र ये बतला दो मुझको आराम तो नहीं होगा.
अपनी शख्शियत की क्या मिसाल दूँ यारों, ना जाने 
कितने मशहूर हो गये, मुझे बदनाम करते करते.
आग के प्याले लबों के जाम,
इश्क़ अधूरा मोहब्बत बदनाम.
बेज़ान चीज़ों को बदनाम करने के तरीक़े,
कितने आसान होते हैं.
लोग सुनते हैं छुप छुप के बातें,
और कहते है दीवारों के कान होते हैं.
बहुत दिन हो गए मोहब्बत को बदनाम नहीं किया,
आज फिर से उस बेबफा का चलो जिक्र करते हैं.
सुना है, तुम्हें मोहब्बत से शिकायतें बहुत हैं,
गुमनाम मोहब्बत को कैसे बदनाम करोगे?
दामाने वफा को बदनाम ना कर,
करना है गर तो मुझको निलाम कर.
पलके झुका के शाम कर गये,
वो मुझे इस तरह बदनाम कर गये.
नए रींदों ने लड़खड़ा के बदनाम कर दिया है,
वरना मय-कदे का रास्ता तो हमवार बहुत है.

StatusEra

इतने बदनाम हुए हम तो इस ज़माने में,
लगेंगी आपको सदियाँ हमें भुलाने में.
न पीने का सलीका न पिलाने का शऊर,
ऐसे भी लोग चले आये हैं मयखाने में.
हसरतें खामोश हैं ना बदनाम हो वाफा गज़लों को ,
मेरी याद तुम युं आते तो बहुत हो.
मेरी तारीफ करे या मुझे बदनाम करे,
जिसने जो बात करनी है सर-ए-आम करे.
सुकून मिल गया मुझको बदनाम होकर,
आपके हर इक इल्ज़ाम पे यूँ बेजुबान होकर...
लोग पढ़ ही लेंगें आपकी आँखों में मेरी मोहब्बत,

चाहे कर दो इनकार अंजान होकर...
अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो,
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो,
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना,
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो।

साथी अगर सही हो तो
हर मुश्किल पार होती है..

वरना जिंदगी तो भीतर से ही
बदनाम सी महसूस होती है..

यारों यादों से उसकी 
मेरा पीछा छुड़ाना..

कमबख्त बदनाम
कर रहा है उसका याराना..!

उम्मीदें ही है जो सुलगाते रखते है..

वरना कई लोग बदनाम हुए होते है..

तेरी बेवफाई पर कोई कलाम हो
मेरे कफन पर सिर्फ तेरा नाम हो..

उस गली से नही गुज़रता अब मैं
कोई मेरी खातीर क्यों बदनाम हो..
जिंदगी भर का देकर गम वो
यहां से चले गए..

उनकी याद में रो रो कर
हम बदनाम हो गए..
सिलवटें जिंदगी की
क्या दर्द देती है..

कभी प्यार में बदनाम
हो कर देखिए जनाब..!

Badnam Shayari

कुछ तो खोया है मैने
तुमसे मिलने के बाद..

मैं ही मुझको मेरी तरह नही लगती
बदनाम हुई तुमसे प्यार करने के बाद..
प्यार की ठिठुरन ने
दिल को सिकुड़ कर रख दिया..

कमबख्त इन सर्द रातों को
मैं यूं ही बदनाम करता रहा..!
कभी ज़िंदगी का सूरज ढल जाएगा
मेरी दास्ताँ सुन पत्थर पिघल जाएगा..

बदनाम फिरता हुँ अब अपने शहर में
उदासीयों का मौसम भी बदल जाएगा..
अपने दिल की बात रखने का
हक हमेशा दिया जाता है..

न जाने क्यों फिर भी प्यार के
रिश्तों को बदनाम किया जाता है..
कभी कभी कुछ लोग
बिना गलती सर झुका लेते है..

सुना है ऐसे लोग दुनिया में
बदनाम से लगने लगते है..
नशा तो उसकी आंखों में है दोस्तों..

काजल तो यूं ही बदनाम हुआ है..!
मैं हर बार तुम्हे मिलने आऊंगी
तुम हर बार मेरा इंतजार करना..

हर बार प्यार में मुन्नी बदनाम होगी
तुम हर बार मेरा नाम रौशन करना..
मुझसा अब दर्द सहेगा कौन?
तेरे बाद दिल में रहेगा कौन..?

बदनामी का दाग भी धुल जाएगा
तेरी खातीर मगर गज़ल कहेगा कौन..?
बेवफ़ा हो जाएंगे हम
तो बदनाम हो जाएंगे..

आपके सितम सहते रहे
तो सुकून से मर जायेंगे..
वो साथ हो तो मेरी
हर ख्वाहिश पूरी हो जाती है..

मन्नत को तो मैंने
यूं ही बदनाम कर रखा है..
मिसाल देंगे लोग हमारी मोहब्बत की..

जो बदनाम होकर भी कामयाब होगी..
मेरा दूर से ही ताकना
उसे पसंद था शायद..

मोहब्बत समझकर
मैं उसे बदनाम करती रही..
हाथों में मेहंदी रचाए बैठे हैं
हसरतों का महल ढहाए बैठे हैं..

उसे मिली इज़्ज़त, हम हुए बदनाम
खुद पर कई इलज़ाम लगाए बैठे हैं…
मुझे देखकर नजरें झुकाना
और यूं मुस्कुरा देना..

मुझे बदनाम ही कर देगा,
तेरा मेरे घर आना..
More topics
Damdar shayari
Rishte dhoka shayari
True love shayari
Jimmedari shayari
New aashu shayari
Alone sad shayari
Garibi shayari
Gulzar Shayari
Ishq shayari
Mehnat shayari
Dhoka shayari
Propose shayari
Akelapan Shayari
Gam bhari shayari
Padhai Shayari
Emotional shayari on life
Gussa shayari
Dard Nafrat shayari
Cricket shayari
Dardbhari shayari
Shayari for teachers
Hindi suvichar shayari
English suvichar shayari
Quotes by Elon Musk
Quotes by Dr Apj abdul kalam
Quotes by Elon Musk in hindi

Leave a Comment